Sunday, April 3, 2022

कविताए

Talent Coaching Classes,Pur

 

माता-पिता

Poem For Class 4


हर सुबह उठो तो सबसे पहले,
मां-बाप के पैर को छुआ करो।
जिस मां-बाप ने तुझको जन्म दिया,
उनके लिए हर सुबह दुआ करो।।


जब मां-बाप आशीर्वाद दे देते हैं,
बच्चों का जन्म संवरता हैं।
मां-बाप की सेवा करने से,
हम सब का कर्म निखरता हैं।।


मां-बाप की दृष्टि है जो कि,
हम सब इस सृष्टि में जीवित है।
वरना हम सब इस पृथ्वी पर,
छड़ मात्र के लिए ही निहित हैं।।


मां-बाप को कमजोर मत समझो,
वो हम सब के लिए रक्षक है।
हम सब को दुख हो जाता है,
वो उस दुख के भी नष्टक है।।
 
लेखक -मोहित शर्मा

भारत देश हमारा है

Hindi Poem For Class 4


सारे जग में सबसे प्यारा
भारत देश हमारा है।
झीलें, पर्वत और कहीं पर
पावन गंगा धारा है।


कभी दीवाली ईद मुबारक
होली का त्योहार यहाँ।
भिन्न-भिन्न ऋतुओं का संगम
बोलो मिलता और कहाँ।


अलग-अलग भाषाएँ, बोली,
रुप रंग न्यारे-न्यारे।
फिर भी भारत के नर-नारी,
रहते हैं मिलकर सारे।


कश्मीर सा स्वर्ग यहाँ पर,
सुन्दर नदियाँ नाले हैं।
जन्म लिया है इस धरती पर,
हम सब किस्मत वाले हैं।

-महेन्द्र जैन

गुरु महिमा

Hindi Poem For Class 4


गुरु की महिमा निशि-दिन गाएँ,
हर दम उनको शीश नवाएँ।
जीवन में उजियारा भर लें,
अंधकार को मार भगाएँ।


सत्य मार्ग पर चलना बच्चो,
गुरुदेव हमको सिखलाएँ।
पर्यावरण बिगड़ न पाए,
धरती पर हम वृक्ष लगाएँ।


पानी अमृत है धरती का,
बूंद-बूंद हम रोज बचाएँ।
सिर्फ जिएँ न अपनी खातिर,
काम दूसरों के भी आएँ।


मात, पिता, गुरु, राष्ट्र की सेवा,
यह संकल्प सदा दोहराएँ।
बातें मानें गुरुदेव की,
अपना जीवन सफल बनाएँ।

-घनश्याम मैथिल

तितली रानी तितली रानी

Hindi Poem For Class 4


तितली रानी तितली रानी,
पास मेरे तुम आओ ना।
कितने सुन्दर पंख तुम्हारे,
मुझको भी दिखलाओ ना।


तितली बोली दूर से देखो,
पास नहीं मैं आऊंगी।
पास अगर तुम आओगे तो,
दूर बहुत उड़ जाऊंगी।


पीछे-पीछे दौड़ो मेरे,
उड़ना तुम्हें सिखाऊंगी।
परीलोक में घर है मेरा,
साथ तुम्हें ले जाऊंगी।

-डॉ. जगदीश पंत 

तिरंगा प्यारा

Hindi Poem For Class 4


सारी दुनिया से है न्यारा,
अपना ये तिरंगा प्यारा,
कितनी ऊँची शान है।
हम सबका अभिमान है।


हाथों में जब ये झूले,
इसे देख सीना फूले,
देश में धर्म अनेक हैं।
छाया में इसकी एक हैं।


देश का ये सम्मान है,
हम सब की मुस्कान है,
भारत माँ की जान है।
तिरंगे का जय गान है।


आन में इसकी डटेंगे हम,
पीछे कभी न हटेंगे हम,
तिरंगा हमें जान से प्यारा।
तन-मन हमने इस पर वारा।

-शिवचरण सिरोहा

जीवन और हम

Hindi Poem For Class 4


जीवन में असफलताओं को
करो स्वीकार,
मत होना निराश
इससे होगा।


वास्तविकता का अहसास,
समय कितना भी विपरीत हो
मत डरना,
साहस और भाग्य पर।


रखना विश्वास,
अपने पौरुष को कर जाग्रत
धैर्य एवं साहस से,
करना प्रतीक्षा सफलता की।


पौरुष दर्पण है,
भाग्य है उसका प्रतिबिंब
दोनों का समन्वय बनेगा,
सफलता का आधार।

-राजेश माहेश्वरी

चंदा के घर दावत

Hindi Poem For Class 4th


चंदा के घर जाऊँगी मैं,
दावत खाकर आऊँगी मैं।
जब भी चंदा नभ में आता,
मुझको संदेशा भिजवाता।


आओ तुम मेरे घर आओ,
चंद्रलोक में खाना खाओ।
तारों के संग दौड़ लगाओ,
बादल के संग हाथ मिलाओ।


चंद्रकिरण संग झूला झूलो,
अंबर की फुनगी को छू लो।
कितनी बार निमंत्रण आया,
मुझको अपने पास बुलाया।
अब कैसे रुक पाऊँगी मैं,
चंदा के घर जाऊँगी मैं।

-डॉ. अलका अग्रवाल

पेड़ लगाओं

Poem On Nature For Class 4 Students


पेड़ लगाओ पेड़ लगाओ।
पेड़ हमें हरियाली देंगे।
जीवन को खुशहाली देंगे।।


खुशबू वाले पेड़ लगाओ।
वातावरण शुद्ध कर देंगे।
नई ताजगी से भर देंगे।।


पेड़ों को निज मित्र बनाओ।
आम, अशोक, नीम की छाया।
कर देती है शीतल काया।।
बचो धूप से छाया पाओ।


जीते जी ऑक्सीजन देंगे।
सूख गए तो ईंधन देंगे।
ताजी हवा दवा सी पाओ।।

-पंडित गिरिमोहन


गौरैया

Hindi Poem For Class 4th


नन्ही सी गौरैया है।
प्यारी सी गौरैया है।
घर-आँगन में फुदक रही,
भोली सी गौरैया है।


चिचियाती होते ही भोर।
चींची, चींची करती शोर।
कभी बैठ जाती मुड़ेर पर,
जाती कभी वाटिका ओर।


बिस्किट पाकर, खाती कुर्र।
झट से उड़ जाती है फुर्र।
छोटी मुन्नी नटखट है,
उसे देख कर देती हुर्र।


मैं देता दाना-पानी।
खुश होती चिड़िया रानी।
छज्जे में घोंसला बना,
अंडों पर है निगरानी।

-गौरीशंकर वैश्य विनम्र

चांद नहीं है मेरा मामा

Class 4 Poem In Hindi


छोड़ो नानी मुझे भुलाना।
झूठी बातों में भरमाना।।
थाली में मत कभी दिखाना।
चांद नहीं है मेरा मामा।।


चन्दा मेरा मामा होता।
तब तो आना-जाना होता।।
नहीं भूलता गुड़िया लाना।
चांद नहीं है मेरा मामा।।


हाथ पकड़कर मुझे घुमाता।
कभी नहीं वह मुझे रुलाता।।
दिया नहीं कुरता-पाजामा।
चांद नहीं है मेरा मामा।।


मम्मी का भैया जो होता।
नहीं गगन में ऐसे सोता।।
कभी न करता ऐसा ड्रामा।
चांद नहीं है मेरा मामा।।


कभी दिन में नजर न आता।
सोता जब मैं, सिर सहलाता।।
नहीं गया उसका चिड़काना।
चांद नहीं है मेरा मामा।।

-डॉ. ब्रजनन्दन वर्मा

सूरज का गुस्सा

Hindi Poems For Class 4 On Nature


सूरज दादा का धरती पर,
देखो गुस्सा फूट रहा।
लगे आग बरसाने नभ से,
सब्र सभी का टूट रहा।


सूख गये सब बाग-बगीचे,
बस पेड़ों के ठूंठ खड़े।
पंछी प्यासे डोल रहें हैं,
खुश्क हुए तालाब बड़े।


पवन वेग की गर्मी ने तो,
जुल्म बड़ा ही ढाया है।
चमक रही है धूप जोर की,
नहीं कहीं पर छाया है।


कैद हुए हैं सभी घरों में,
सुंदर सदन लगते जेल।
दोपहर हुई सुनसान बड़ी,
बंद हैं आपस में मेल।


देख-देख कर चढ़ता पारा,
खूब पसीना छूट रहा।
सूरज दादा का धरती पर,
देखो गुस्सा फूट रहा।

- गोविन्द भारद्वाज

वर्षा

Hindi Poems For Class 4 On Nature


रिमझिम रिमझिम वर्षा आए,
गिरती बूंदे मन को भाए।
गर्मी से व्याकुल पृथ्वी को,
वर्षा सदा राहत दिलाए।।


चम-चम चम चम चपला चमके,
उमड़ घुमड़ कर बादल गरजे।
जीव जंतु सब नाचे गाए,
पेड़ों के तन-मन है हरसे।।


निकले छाते अरु बरसाती,
जब जब भी वर्षा ऋतु आती।
बच्चों का यह मन बहलाए,
हर घर में खुशहाली लाती।


सूखी धरती को सरसाए,
वर्षा अमृत जल बरसाए।
बहाकर नदियों का सब कूड़ा,
जल स्रोतों को स्वच्छ बनाए।।

-उदय मेघवाल

मेरे मन का फूल

Hindi Kavita For Class 4


रंग-बिरंगी नई किताबें,
मुझको बहुत लुभाती हैं।
कब तक खेलूँ खेल घरेलू,
नई किताबें दिला दो।


पेज़ देखने को वे अपने,
मुझको पास बुलाती हैं।
होशियार-से इक दर्जी से,
बढ़िया-सी इक ड्रेस सिला दो।


विद्यालय जाती सहेलियाँ,
मुझको बहुत सुहाती हैं।
हर बगिया में फूल खिले ज्यों,
मेरे मन का फूल खिला दो।
विद्यालय की मधुर घंटियाँ,
मुझको रोज़ बुलाती हैं।

-मेराज रज़ा

नाचो, कूदो-गाओ

Class 4 Hindi Poem


झोलक-झोलक, झम्मा-झम्मा,
उइ अम्मा, उइ अम्मा।
तोता-मैना नाच रहे हैं,
छत पर छम्मा-छम्मा।


नाच देखकर कोयल दीदी,
दौड़ी-दौड़ी आई।
हाथ पकड़ कर कौए का भी,
खींच-खींच कर लाई।


फिर दोनों ही लगे नाचने,
धुम्मा-धुम्मा-धुम्मा।
शोर हुआ छत पर तो सारे,
पंछी दौड़े आए।


ढोल-मंजीरा तबला-टिमकी,
बांध गले में लाए।
खूब बजा संगीत नाच पर,
ढमर-ढमर, ढम ढम्मा।


कुत्ते-बिल्ली गाय-बैल भी,
बीच सड़क पर नाचे।
खुशियों वाले पर्चे लेकर,
सब घर-घर में बांटे।


पर्चे पढ़कर नाचे दादा,
दादी बापू अम्मा।
पर्चों में यह लिखा हुआ था,
खुशियां रोज मनाओ।


छोड़ो दुःख का रोना-धोना,
नाचो कूदो गाओ।
धूम मची तो लगे नाचने,
सोनू मोनू पम्मा।

-प्रभुदयाल श्रीवास्तव

बढ़ते कदम

Easy Hindi Poem For Class 4


ये बढ़ते कदम चलते न रुकते कदम,
पाएंगे अपनी मंजिल।
विश्वास नहीं कम, श्रम नहीं कम
कर्मों में हमारे दम।


देश हमारा उद्योग हमारा,
इस धरा के मालिक हम,
नफरत के बीज, हिंसा की ज्वाला
नहीं सहेंगे हम।


भूल से हमने सीखा बहुत है
द्विगुणित उत्साहित हम
प्रेम भाव एक सूत्र
कैसे टूटेंगे हम


गद्दारों को बेनकाब करें हम
देश-भक्त संतान हैं हम
अग्र पंक्ति में सदा रहें हम
खुशहाली रहे हरदम

-श्याम मठपाल

 

बन्दर की होली

Hindi Poem For Class 4


रंगभरी पिचकारी लेकर
पिंकू बन्दर आया।
ऊपर-नीचे उछल कूद कर
उसने उधम मचाया।


उसका शोर शराबा सुनकर
कई जानवर आए।
बड़े जानवर लगे ताकने
छोटे सब घबराए।


मौका पाकर पिंकू ने झट
सब पर डाला रंग।
उसकी ऐसी देख हरकत
सभी जानवर दंग।।

-दीनदयाल शर्मा

तितली रानी

Hindi Poem For Class 4


तितली रानी आओ पास,
क्यों बैठी हो आज उदास।
देखो कितने प्यारे फूल,
भँवरे उन पर रहे हैं झूल।


चिड़िया रानी फुदक रही,
रुक-रुक के वो चहक रही।
बच्चे बजा रहे हैं ताली,
कूक रही कोयल मतवाली।


बोल रहे सब बोल निराले,
मुँह पर क्यों तुम्हारे ताले।
सूरज और बादलों की टोली,
खेल रहे वे आँख मिचौली।


हर तरफ नई उमंग है छाई,
खुशियों ने ली है अंगड़ाई।
तितली रानी तुम भी आओ,
ये अवसर ना व्यर्थ गँवाओ।

-श्रवण कुमार सेठ

कौन सिखाता है चिडियों को

Hindi Kavita For Class 4


कौन सिखाता है चिड़ियों को
ची-ची, चीं-चीं करना?
कौन सिखाता फुदक-फुदक कर
उनको चलना फिरना?


कौन सिखाता फुर से उड़ना
दाने चुग-चुग खाना?
कौन सिखाता तिनके ला-ला
कर घोंसले बनाना?


कौन सिखाता है बच्चों का
लालन-पालन उनको?
माँ का प्यार, दुलार, चौकसी
कौन सिखाता उनको?


कुदरत का यह खेल
वही हम सबको, सब कुछ देती।
किन्तु नहीं बदले में हमसे
वह कुछ भी है लेती।


हम सब उसके अंश
कि जैसे तरु-पशु-पक्षी सारे।
हम सब उसके वंशज
जैसे सूरज-चांद-सितारे।


बैंगन भैया

Hindi Recitation Poems For Class 4 With Lyrics 


कुछ तो बोलो बैगन भैया,
तुम पढ़ते हो कक्षा कौन?
क्यों गुमसुम चुपचाप खड़े हो,
साध रखा है बिल्कुल मौन।


ए. बी. सी. डी. सीखी होगी,
सीखा होगा अ, ब,स।
तोड़ो अब तो चुप्पी भाई,
कर लो थोड़ा हा-हा- हा।


मैं तो सीख रहा था भैया,
क,ख,ग और ए.बी. सी.।
लेकिन मुझ को तोड़ लाई है,
डाली से गुल्ली दीदी।


अब बनाएगी मुझे भूनकर,
भुर्ता खट्टा और नमकीन।
और साथ में मजे-मजे से,
खा लेगी वह रोटी तीन।


पर मैं तो इसमें भी खुश हूं,
काम किसी के आता हूं।
नहीं भले ही पढ़ लिख पाया,
लेकिन भूख मिटाता हूं।


बिना टिकिट के रेल में

4th Class Poem


तीन छछूंदर चढ़े रेल में,
बिना टिकिट पकड़ाए।
टी टी ने जुर्माना ठोका,
रुपए साठ मंगाए।


तभी छछूंदर बोले दादा,
यह क्या तुम करते हो।
सांप डरा करते हैं मुझसे,
तुम क्यों न डरते हो।


टी टी बोला रे छछूंदरो,
सांप नहीं हम भाई।
हमें रेलवे ने भेजा है,
हम हैं टी टी आई।


मिल जाता है बिना टिकिट के,
अगर मुसाफिर रेल में।
जुर्माना संग टिकिट कटाता,
या जाता है जेल में।

इस जाड़े को

Hindi Poem Recitation Competition For Class 4


इस जाड़े को दूर भगाओ,
सूरज भैया जल्दी आओ।


जाड़े में देखो तो कोयल,
भूल गई गाना।
चिड़ियों के बच्चों ने मुँह में,
न डाला दाना।


सूरज भैया आओ,
थोड़ी गर्मी ले आओ।


और हमारे साथ बैठकर,
पिज्जा, बर्गर खाओ।
साथ रहोगे तो जाड़े की,
दाल रहेगी कच्ची।


दादी का तो हाल बुरा है,
गर्मी आ जाए तो चाहे।


आसमान में जाना,
हो जाएगी अच्छी।
जाड़े के मौसम में लेकिन,
वापस आ जाना। 
                                                                                                                                   -संजीव ठाकुर
 

चिड़ियाघर की सैर

Hindi Poems For Class 5


रंगबिरंगे फूलों वाला,
यह देखो उद्यान है।
उधर पेड़ पर मजे उड़ाता,
यह बन्दर शैतान है।।


फैले बूटे और लताएँ,
झूल रही हैं बेल।
आओ बच्चों आज करें हम,
चिड़ियाघर की सैर।।


देखो झुंड-झुंड में
हिरनों की मतवाली चाल।
ऊंची गर्दन वाला जिराफ़
वनभैंसे का सींग कमाल।।


कितने पक्षी कलरव करते
कल कल का गीत सुनाते हैं।
और ताल में मछली मेंढ़क
मगरमच्छ इठलाते हैं।।


खुशी मनाना मजे उड़ाना,
रखना सबसे मेल।
आओ बच्चो आज करे हम,
हम चिड़ियाघर की सैर।।


नाव चढ़ेंगे झूला झूलें,
और चढ़ें मीनार में।
चिप्स, कुरकुरे और समोसे,
ले लेंगे बाजार में।


ध्यान रहे सब कचरा फेंके,
हँसते कूड़ेदान में।
और बजेगी सिटी लम्बी,
दौड़ेगी बच्चों की रेल।


आओ बच्चो करें आज हम
चिड़ियाघर की सैर।

-द्रोणकुमार सार्वा


समय

Hindi Poems For Class 5


समय बड़ी अनमोल चीज है।
जिसने इसको पहचाना,
वह ही अंकित है कर पाया
जीवन का ताना-बाना।


समय एक सा सबके हित में
ठहर-ठहर चलता रहता,
जी भर तुम उपयोग करो
है नित्य-नित्य कहता रहता।


सम्मान समय का सीख गया जो
मान स्वयं मिलता उसको,
वही श्रेष्ठ, जो कुछ कर पाया
नहीं, पूछता जग किसको?


उसी समय में एक श्रेष्ठ बन
युग को राह दिखा जाता,
किंतु उसी में एक मलिन कर
जग को, कर धुंधला जाता।


समय, बंधु सच, गंगाजल है
या समीर सौरभ वाली,
जिसने चखी, उसी ने जानी
महिमा बस गौरवशाली।


समय लहर, नदिया की चंचल
गई, हाथ से छूट गई,
किंतु सहेजा जिसने इसको
फल दे, बन मां, रही-सही।


गर तुमको इतिहास बनाना
बंधु! समय का मान करो,
अपने यश से भारत माँ का
जग में नव उत्थान करो।

-डॉ. दिनेश चमोला


रिंकू चूहा

Hindi Poems For Class 5


कहीं एक बिल में रहता था,
रिंकू चूहा, चिंकू चूहा।
दुनिया देखू– सोचा दिल से,
निकल पड़ा वह अपने बिल से।


बाहर दुनिया बड़ी अनोखी,
अब अपनी आंखों से देखी।
एक जीव था बड़ा कमाल,
लंबी पूँछ, मुलायम बाल।


पीछे से उसकी माँ बोली,
मत कर उससे हँसी-ठिठोली।
उसके पास कभी मत जाना,
हम हैं उसका बढ़िया खाना।
यह सुंदर है देवी जैसी,
पर है बिल्ली शेर की मौसी।

-द्रोण साहू

मुन्नी चली स्कूल

5th Class Hindi Poem


गमी की छुट्टी खत्म सोचकर,
मुन्नी हुई उदास।
आंसू आने लगे आंख में,
फूले-फूले से थे गाल।


उसे देखकर मम्मी बोली,
मामा की है याद सताती,
या फिर रसगुल्ले के थाल?


मुन्नी रोते रोते बोली।
पढ़ा लिखा सब भूल गई
नहीं जाऊंगी मां, स्कूल।


मम्मी उससे हंसकर बोलीं,
‌‌ स्कूल अगर तुम जाओगी,
पढ़-लिखकर के नाम करोगी,
दुनिया पर तुम छाओगी।


सोच समझकर मुन्नी बोली,
हो गई मुझसे भारी भूल,
अब मुझसे ना कहना कुछ भी,
यह देखो मैं, चली स्कूल।

-प्रकाश कुमार बंजारे


मां

Hindi Poems For Class 5


तेरा मेरा अटूट है बन्धन
तुझमें मैं हूं, मुझमें तू हैं।
तूने मुझको जन्म दिया है।


स्नेह नीर से सिंचित करके,
मुझ पर यह उपकार किया है,
तेरे निश्छल प्यार पे हे मां।


हरदम अपना शीश झुकाऊं
मां मेरी है इक अभिलाषा।
जन्मों तक तुझसे बंध जाऊं।

-निहारिका झा
 

सूरज दादा

Hindi Poems For Class 5


सूरज दादा,सूरज दादा,
मुझको बाहर जाने दो।
खेल‌ कूदकर आने दो,
मेरे बाहर जाने में तुम।


प्लीज़ न आने देना बाधा
इतनी आग नहीं बरसाओ,
थोड़ी हम पर दया दिखाओ,
बादल के पीछे छुप जाओ।


इसके बदले दूंगा तुमको,
आइसक्रीम का हिस्सा‌ आधा।
हर कोई अब झुलस रहा है,
पत्ता-पत्ता सुलग रहा है।


अब तो प्लीज़ मान भी जाओ,
जितनी बची सभी ले जाओ,
और नही है इससे ज्यादा।

-द्रोण साहू


राष्ट्रीय चिन्ह

Hindi Poem For Class 5


राष्ट्रीय पुष्प कमल कहलाता,
जो कीचड़ में ही खिल जाता।
राष्ट्रीय पशु बाघ कहलाता,
जो ऊंची-ऊंची छलांग लगाता।


राष्ट्रीय वृक्ष बरगद कहलाता,
जो हमें ऑक्सीजन देता।
राष्ट्रीय पक्षी मोर कहलाता,
जो सुंदर पंख वाला कहलाता।


राष्ट्रीय खेल हॉकी कहलाता,
जो भारत को पदक दिलाता।
राष्ट्रीय फल आम कहलाता,
जो हम सबको भाता।


राष्ट्रीय नदी गंगा कहलाती,
जो पवित्र कहलाती।
राष्ट्रीय जल जीव डॉल्फिन मछली कहलाती,
जो जलचर कहलाती।


राष्ट्रीय गान जन-गण-मन कहलाता,
जो बावन सेकंड में गाया जाता।

-कुमारी सुषमा बग्गा

प्रवेश उत्सव

Easy Hindi Poem For Class 5


नन्हे नन्हे पुष्पों से सब,
स्कूल सज जाएंगे।
बच्चों के स्वागत में हम,
प्रवेश उत्सव मनाएंगे।


तिलक लगाकर मस्तक पर,
करतल ध्वनि बजाएंगे।
बच्चों के स्वागत में हम,
प्रवेश उत्सव मनाएंगे।


सूर्य चंद्र से प्यारे बच्चे,
भोले बच्चे न्यारे बच्चे।
देश का ये ही गौरव हैं,
देश का भाग्य संवारे बच्चे।


देवतुल्य से बच्चों को,
कुसुमहार पहनाएंगे।
बच्चों के स्वागत में हम,
प्रवेश उत्सव मनाएंगे।


शाला की रौनक हैं बच्चे,
मन के सच्चे दिल के अच्छे।
राष्ट्र की हैं नीव यही,
करते नवल सृजन हैं बच्चे।


नवनिहाल के सपनों को
हम आकार दिलाएंगे
बच्चों के स्वागत में हम,
प्रवेश उत्सव मनाएंगे।


नयी कोपलों से ये लाल,
चहकें शाला में ग्वाल बाल।
नवल पुहूप सी प्रियषा बाला ये हैं,
स्नेह प्रतिमा विशाल।


मुस्कानों के मोती बिखेरकर,
तुम्हें हम गले लगाएंगें।
बच्चो के स्वागत में हम,
प्रवेश उत्सव मनाएंगे।

-स्नेहलता “स्नेह”


गमी की छुट्टी में

Hindi Recitation For Class 5


गर्मी की छुट्टी में,
पढ़ाई-लिखाई पर विराम।
खाने को मिलेंगे,
पके आम और काले जाम।


खेलेंगे हम, सुबह-शाम,
दोपहर में, करेंगे आराम।
माम के घर जायेंगे,
और करेंगे हम आराम।

-विरेन्द्र कुमार चौधरी


खिड़की

Hindi Poems For Class 5


एक दिन मैं खिड़की पर खड़ी।
दो घंटे से सोच में पड़ी।।
तीन चोर भाग रहे थे।
चार बैग पकड़ रखे थे।।


पांच पुलिस दौड़ाकर पकड़े।
छ: छः डंडे उनको जकड़े।।
सात बजे तक चली पिटाई।
आठ घंटे में हुई रिहाई।।


नौ सौ रुपए जमा कराया।
दस दिन बाद घर पहुंचाया।।
सोच रही क्यों मार पड़ी।
एक दिन मैं खिड़की पर खड़ी।।

-दिलकेश मधुकर

अनुशासन

Hindi Poem Recitation For Class 5 


काम आज का आज करें,
क्यो टालें हम कल पर।
अच्छा हमको बनना है,
अनुशासन के बल पर।


रोज सुबह जल्दी उठना,
हमको हर दिन भाता।
काम समय पर पूरा कर,
अपना मन हरषाता।


कर्मशील हम बालक हैं,
मोल समय का जाने।
गया वक्त हाथ न आता,
सच्चाई को माने।

-हर प्रसाद रोशन
 

गूगल दादा
Class 5 Hindi Poem


गूगल दादा गूगल दादा
उत्तर हमें बता दो।
कल परीक्षा है हमारी
पाठ याद करवा दो।


प्रश्न का उत्तर दे सकता हूं,
याद तुम्हें है करना।
मैं मशीन वाला दादा हूं,
याद सदा ये रखना।


गूगल दादा गूगल दादा,
तुम हो बड़े हरजाइ।
मेरे दादा दादी ने तो
कविता याद कराई।


दादा दादी हैं इंसान
प्रेम प्यार का भाव भरे हैं।
जितना फीड किया मशीन में
ये बस उतना काम करे है।


गूगल दादा गूगल दादा,
तुमसे कुट्टी कर देंगे।
अपनी प्यारी दादी की
गोदी में सिर रख पढ़ लेंगे।


मैं मशीन हूं नेट से चलता,
काम करूंगा प्यार नही।
इस दुनियां में प्यारे बच्चो,
दादी मां सा दुलार नही।


मां पापा से यही प्रार्थना,
सीखो खुद और बताओ।
दया सत्य का पाठ सदा ही ,
दादा नानी के संग पाओ।

-डॉ.करूणा पांडेय

लंबू जिराफ

Hindi Poem Recitation For Class 5


सुनो सुनो ओ लंबू जी,
बच्चों के साथी बन लो जी।
ताड़ जैसे हो लंबे जी,
गरदन जैसे खंभा जी।


कैसे चढ़े तुम पर जी,
कुछ तो छोटे हो लो जी।
बच्चों के साथी बन लो जी,
चढ़ा के अपनी पीठ पर जी।


सैर करा दो हम को जी,
अब जरा सा नाच दो जी।
गा कर मन बहला दो जी,
बच्चों के साथी बन लो जी।

-दीपशिखा जोशी


चिड़िया रानी

Easy Hindi Poems For Class 5


लाल पूँछ की,
चिड़िया रानी,
चीं ची करती,
बड़ी सयानी।


दादा जी की थाली से,
ले जाती चावल खाती,
बैठी दादी जी मुस्काती,
चिड़िया का पेट रहे न खाली।


वह खेलती नित,
चीनू मीनू के संग,
दादा जी परसाते नित,
बाहर ही खाने की थाली।


चिड़िया रानी नित नित,
दादा जी की थाली में,
ची ची ची गाना है गाती,
दादा जी को यह बहुत सुहाती।


हम सब का भी यही काम हो,
चिड़ियों पर पूरा स्नेह हो,
पर्यावरण सदा स्वच्छ हो,
घर में बच्चे खुश स्वस्थ हो।

-सतीश “बब्बा”

चुनमुन मैना

5th Class Hindi Poem


बड़े सवेरे सूरज के संग
नीम पेड़ पर आकर बैठी,
टहनी-टहनी चहक-चहककर
उड़ती-फिरती ऐंठी-ऐंठी।


घर आंगन और चौबारे पर
चुनमुन मैना दाने चुगती,
और कभी नानी मां के संग
हर पल नई कहानी बुनती।


कितने सारे गीत सुनाती,
फुदक-फुदककर मैना रानी
सरगम के सातों सुर गाती
सा रे गा मा पा धानी।


सांझ ढले फिर सूरज के संग
लौट घोंसले में वह जाती,
कल आने का वादा करके
सपने सलोने दे जाती।

-आभा श्रीवास्तव


बेटियां

Hindi Kavita For Class 5


बेटियों से घर की पहचान
इनका रखना सदा ध्यान।
गौरव घर का ये बढ़ाती
मेहनत से आगे बढ़ जाती,
हौसले सदा इनके बढ़ाएं
ये परिवार का नाम बढ़ाएं।।


बेटे-बेटियों में करना न अंतर,
भलें मुश्किलें आएं निरंतर
परवरिश इनकी तुम करना
मिटा देंगी ये विपदाएं तुम्हारी।


प्यार-स्नेह बांटतीं ये
हैं सारे जग की शान।
इनसे बढ़ता घर का मान
कुल की हैं पहचान।


हौसला बढ़ाएं इनका,
पढ़ाइए अपनी बेटियां।
रोकिए न आगे बढ़ने से
बेटों से बढ़कर बेटियां।


जो जुल्म इन पर ढाता
वह सिर्फ मुश्किलें पाता।
करना सदा इनका सम्मान
मिलेगा जग में मान।


दो कुलों को ये बनाती
त्याग-तपस्या का है गहना।
गौरव की ये अधिकारी
अब तो सबका यह कहना।

-ऋषि मोहन श्रीवास्तव

गौरैया

5th Std Hindi Poems


आंगन में बैठी गौरैया,
फुदक-फुदक करती ता-थैया।
पांव दबाकर धीरे-धीरे,
गया पकड़ने छिपकर भैया।।


जैसे ही वह पास में आया,
और पकड़ने हाथ बढ़ाया।
चकमा देकर फुर्र हो गई,
बहुत-बहुत भैया पछताया।।

-अजय अनुरागी
 
 
 
 
 
 
 

 

No comments:

Post a Comment

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं व 12वीं दोनों की परीक्षाए एक साथ 6 मार्च से होगी शुरू

बोर्ड परीक्षा की तारीखों में किया गया बदलाव, 10वीं-12वीं की मुख्य परीक्षा अब एक साथ 6 मार्च से होंगी शुरू, राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (...