हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाले हिंदी में मुहावरे और उनके अर्थ व वाक्य प्रयोग( hindi muhavare with sentences) –
- अपना सा मुंह लेकर रह जाना –काम न बनना।
वाक्य प्रयोग- श्याम ने परीक्षा में राम की कॉपी से नकल करने की कोशिश की। राम के मना कर देने पर श्याम अपना सा मुंह लेकर रह गया। - आटा गीला होना–कठिनाई/मुश्किल में पड़ना
वाक्य प्रयोग-सीता को तनखाह न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से उसका आटा गीला हो गया। - आकाश में उड़ना–कल्पना/ख्वाब में घूमना
वाक्य प्रयोग– बिना पैसे के कोई भी व्यापार करना आकाश में उड़ना है। - अंधा होना –कुछ न सूझना।
वाक्य प्रयोग– वह अपने बेटे के प्यार में इतना अंधा हो गया था कि उसे बेटे की गलतियां भी नहीं दिखायी दी। - अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना।
वाक्य प्रयोग- अर्चना ने हमेशा अपने काम को लेकर अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास किया लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। - आपे से बाहर होना– क्रोध से अपने वश में न रहना
वाक्य प्रयोग-सीता ने अपने आपे से बहार होकर नीता को खरी खोटी सुनाई। - अंगारों पर लोटना – ईर्ष्या और जलन से कुढ़ना।
वाक्य प्रयोग- सीमा के प्रमोशन की बात सुनकर उसका दोस्त राहुल अंगारों पर लोटने लगा। - अँधेरे में तीर चलाना – लक्ष्यविहीन प्रयास करना, अंदाजा लगाना।
वाक्य प्रयोग– यह डॉक्टर कुछ नहीं जानता बस अंधेरे में तीर चला रहा है। - अंगार बरसना – कड़ी धूप होना।
वाक्य प्रयोग- गर्मियों के मौसम में अंगार बरसते हैं। - आगे का पैर पीछे पड़ना– विपरीत गति या दशा में पड़ना
वाक्य प्रयोग– सारिका के दिन अच्छे नहीं हैं, आजकल उसके आगे का पैर पीछे पड़ रहा है। - आटे दाल की फ़िक्र होना– जीविका की चिन्ता होना
वाक्य प्रयोग-तुम कोई नौकरी नहीं करते क्या तुम्हें आटे दाल की फ़िक्र नहीं है । - अक्ल का दुश्मन होना – मूर्ख होना।
वाक्य प्रयोग– शालिनी को अक्ल का दुश्मन कहना गलत नहीं है,क्यूंकि वह काम ही ऐसे करती है । - आकाश से बातें करना– काफी ऊँचा होना
वाक्य प्रयोग -दुबई की इमारतें आकाश से बातें करती हैं। - धब्बा लगना– कलंकित करना
वाक्य प्रयोग – राजू ने चोरी करके अपने दमन पर धब्बा लगा लिया। - उंगली पर नचाना – वश में करना।
वाक्य प्रयोग– सरोजनी का पति उसकी ऊँगली पर नाचता है। - अंग-अंग खिल उठना – खुश हो जाना।
वाक्य प्रयोग- नौकरी पाकर अनामिका का अंग-अंग खिल उठा। - घोड़े बेचकर सोना– बेफिक्र होना, चिंता न होना
वाक्य प्रयोग – बेटी की शादी के बाद घोड़े बेचकर सोना है। - अंधेर नगरी – कोई नियम कानून न होना।
वाक्य प्रयोग– क्या अंधेर नगरी है ! इतनी अधिक महंगाई है। - अंगद का पैर होना – बिल्कुल न हिलना।
वाक्य प्रयोग- अध्यापक जी तो अंगद के पैर की तरह जम गए हैं । - अँधेरे घर का उजाला– इकलौता बेटा
वाक्य प्रयोग– श्याम अँधेरे घर का उजाला है। - अपनी खिचड़ी अलग पकाना– अलग–थलग रहना
वाक्य प्रयोग-मंजू की पड़ोसनों ने उसको अपने पास न बैठता देखकर कहा, “मंजू तो अपनी खिचड़ी अलग पकाती है, यह हमारे साथ नहीं बैठती।” - अन्न न लगना– खाना खाने के बाद भी मोटा न होना
वाक्य प्रयोग-गोली इतना सब कुछ खाता है, लेकिन उसे अन्न नहीं लगता। - अंकुश न मानना– न डरना
वाक्य प्रयोग– आजकल की युवा पीढ़ी किसी का अंकुश मानने को नहीं मानती । - अन्दर होना– जेल में बन्द होना
वाक्य प्रयोग– योगी आदित्यनाथ जी के के राज में उत्तर प्रदेश के अधिकतर गुण्डे अन्दर हो गए। - आँखें मूंदना– मर जाना
वाक्य प्रयोग-कोरोना महामारी में अनेक परिवार के जवान बच्चों ने आँखें मूँद ली। - आँखों का पानी ढलना– निर्लज्ज होना,लज्जा न आना
वाक्य प्रयोग-अब तो वह लड़की किसी की नहीं सुनती , लगता है, उसकी आँखों का पानी ढल गया है। - आँख में खटकना– बुरा लगना,पसंद न आना
वाक्य प्रयोग– ईंमानदार व्यक्ति अधिकतर लोगों की आँखों में खटकते है। - आँख का उजाला–बहुत प्यारा होना/अति प्रिय होना
वाक्य प्रयोग– सीता अपने माता–पिता की आँखों का उजाला है। - आँख में घर करना– हृदय में बसना
वाक्य प्रयोग– भाविका की सुंदरता मोहन की आँखों में घर कर गई। - आँखें चार करना– आमना–सामना करना,मुलाकात होना
वाक्य प्रयोग-एक दिन अचानक मेरी आँखें चार मेरे पुराने मित्र से हो गई। - आँख चुराना–कतराना,नजरअंदाज करना
वाक्य प्रयोग-जब से उसने मेरी दुकान से उधार लिया है तब से वह आँख चुराने लगा है। - आग बबूला होना– अत्यधिक क्रोधित होना,बहुत गुस्सा आना
वाक्य प्रयोग– कई बार मना करने पर भी जब दूकानदार नहीं माना, तो जनता उसपर आग बबूला हो उठी। - आसमान से गिरकर खजूर के पेड़ पर अटकना– उत्तम स्थान से त्यागकर ऐसे स्थान पर जाना जो कष्टप्रद हो
वाक्य प्रयोग– विदेश की नौकरी छोड़ने के बाद जब रमेश घर आया तो उसे ऐसा लगा कि वह आसमान से गिरकर खजूर के पेड़ पर अटक गया है। - आप मरे जग प्रलय– मृत्यु उपरान्त मनुष्य का सब कुछ छूट जाना
वाक्य प्रयोग– रामलाल मृत्यु–शैय्या पर पड़ा अपने बेटों के व्यापर के बारे में रह–रह कर पूछ रहा था। उसके पास खड़े मित्रों में से एक ने दूसरे से कहा, “आप मरे जग प्रलय, रामलाल को बेटों के व्यापार की चिन्ता अब भी सता रही है।” - आसमान टूटना– विपत्ति आना,मुश्किल पड़ना
वाक्य प्रयोग– पति और बेटे की मौत का समाचार सुनकर, सीमा जी पर आसमान टूट पड़ा। - अंक में समेटना– गोद में लेना,आलिंगनबद्ध करना
वाक्य प्रयोग-शिशु को रोता हुआ देखकर माँ से रहा नहीं गया माँ ने सिसु को तुरंत अपने अंक में समेटा। - आग पर तेल छिड़कना– और अधिक भड़काना
वाक्य प्रयोग– बहुत से लोग सुलह करवाने की जगह और आएग में तेल छिड़कने का काम करते हैं। - आग पर पानी डालना– झगड़ा मिटाना
वाक्य प्रयोग– सीता रीता ने आपसी समझबूझ से आग पर पानी डालने का काम किया हैं। - आग–पानी या आग और फूस का बैर होना–(स्वाभाविक शत्रुता होना)
वाक्य प्रयोग– भाजपा और साम्यवादी पार्टी में आग–पानी या आग और फूस का बैर है। - आँख लगना– झपकी आना
वाक्य प्रयोग– ज्यादा देर रात तक काम किया,जिससे मेरी आँख लग गई। - आँखों से गिरना– आदर भाव का घट जाना
वाक्य प्रयोग– उसकी हरकतों के कारण वह सबकी आँखों से गिर गया है। - अपने मुँह मियाँ मिठू बनना– आत्मप्रशंसा करना
वाक्य प्रयोग -अपने मुँह मियाँ मिठू बनता रहता है। - अक्ल के घोड़े दौड़ाना– केवल कल्पनाएँ करते रहना
वाक्य प्रयोग – सफलता अक्ल के घोड़े दौड़ाने से नहीं अपितु मेहनत से प्राप्त होती है। - अँधेरे घर का उजाला– इकलौता बेटा
वाक्य प्रयोग – सामीर अँधेरे घर का उजाला है। - आँखें फोड़ना-ध्यानपूर्वक पढ़ना।
वाक्य प्रयोग -प्रतिभा दिन रात अपनी आंखे फोड़ती है। - आकाश-पाताल एक करना- बहुत परिश्रम करना
वाक्य प्रयोग -परीक्षा में प्रथम आने के लिए सुमित्रा पिछले एक महीने से आकाश-पाताल एक कर रही है। - आँखों में धूल झोंकना– धोखा देना
वाक्य प्रयोग -राम ने चोरी करके अपने ही मकानमालिक की आँखों में धूल झोंक दी। - आँखें खुलना– समझ आना।
वाक्य प्रयोग -अध्यापक के द्वारा पढाये गए विषय से सभी छात्रों की आंखे खुल गयी - आँख लगना – सो जाना।
वाक्य प्रयोग -टीचर के पढ़ते ही अश्मिता की आँख लग गयी। - अंग-अंग ढीला होना -थक जाना
वाक्य प्रयोग -शादी समारोह में कार्य इतना था की निर्मला का अंग अंग ढीला होने लगा।
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