शब्द विचार
शब्द - एक से अधिक वर्णो के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं, जैसे- मैं, वह, राम, दिल्ली, लोटा, पंकज, पुस्तक आदि।
हिंदी भाषा में
शब्दों का वर्गीकरण चार आधारों पर किया जाता है।
(क) अर्थ के आधार
पर
(ख) विकार के
आधार पर
(ग) उत्पत्ति के
आधार पर
(घ) बनावट के
आधार पर
(क) अर्थ के आधार पर – अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं।
1. सार्थक
2. निरर्थक
1.
सार्थक शब्द – जिन शब्दों का कोई अर्थ निकलता है, उसे सार्थक शब्द कहते हैं; जैसे खाना, घर,
विद्यालय, पुस्तक, कार आदि।
2. निरर्थक शब्द – जिन शब्दों का अर्थ नहीं निकलता है, उसे निरर्थक शब्द कहते हैं; जैसे- हमल, लमक,
टमक, पुलटा आदि।
(ख) विकार के आधार पर – विकार के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं
1. विकारी शब्द
2. अविकारी शब्द
1.
विकारी शब्द – जो शब्द लिंग, वचन तथा काल से प्रभावित होकर अपना रूप बदलते हैं, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण,
क्रिया-ये चार
प्रकार के विकारी शब्द होते हैं। क्योंकि लिंग, वचन तथा काल की दृष्टि से इनमें विकार उत्पन्न होता है। यानी इसका रूप बदल
जाता है।
2. अविकारी शब्द – जो शब्द लिंग वचन तथा काल से प्रभावित नहीं
होते तथा हर स्थिति में ज्यों के त्यों बने रहते हैं। उन्हें अविकारी शब्द अव्यय
कहते हैं। क्रियाविशेषण,
संबंधबोधक, समुच्चयबोधक तथा विस्मयादिबोधक शब्द अविकारी
होते हैं;
जैसे-ऊपर, नीचे, हाथ! आह! और पर,
क्योंकि तो सुबह, इसलिए धीरे वहाँ आदि।
(ग) उत्पत्ति के आधार पर – उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद होते हैं
1. तत्सम
2. तद्भव
3. देशज
4. विदेशी
1.
तत्सम शब्द – ये शब्द संस्कृत भाषा से हिंदी भाषा में
ज्यों-के-त्यों अर्थात् उसी रूप में ले लिए जाते हैं, जिस रूप में ये संस्कृत में होते हैं; जैसे- सर्प, ग्राम,
सत्य, सूर्य, कार्य,
प्रथम आदि।
2. तद्भव शब्द – ये शब्द संस्कृत शब्दों के रूप में कुछ बदलाव
के साथ हिंदी भाषा में प्रयोग होते हैं; जैसे- दही (दधि),
साँप (सर्प), गाँव (ग्राम), सच (सत्य),
काम (कार्य)
आदि।
3. देशज शब्द – ‘देशज’ अर्थात् देश में उत्पन्न। ये शब्द भारत के विभिन्न क्षेत्रों से तथा आम बोलचाल
की भाषा से लिए गए हैं;
जैसे-खिचड़ी, जूता, पैसा,
पगड़ी आदि।
4. विदेशी शब्द – दूसरे देशों की भाषाओं से हिंदी में आए शब्द ‘विदेशी’ शब्द कहलाते हैं;
जैसे- लालटेन, स्टेशन, स्कूल,
पादरी, जमीन, बंदूक,
सब्ज़ी, आदमी, वकील,
सौगात, रूमाल, तौलिया,
कमरा आदि।
(घ) बनावट के आधार पर- बनावट के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं।
1. रूढ़
2. यौगिक
3. योगरूढ़
1.
रूढ़ शब्द – वे शब्द जो परंपरा से किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या प्राणी आदि के लिए प्रयोग होते चले आ रहे हैं। उन्हें रूढ शब्द कहते
हैं। इन शब्दों के खंड करने पर इनका कोई अर्थ नहीं निकलता यानी खंड करने पर ये
शब्द अर्थहीन हो जाते हैं।
2. यौगिक शब्द – ‘यौगिक’ यानी योग से बनने वाला। वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बनते
हैं,
उन्हें यौगिक
शब्द कहते हैं। इन शब्दों के खंड किए जा सकते हैं। खंडित शब्दों के भी अर्थ होते
हैं। इन शब्दों की रचना उपसर्ग, प्रत्यय,
संधि तथा समाज
के द्वारा होती है;
जैसे- भोजनालय (
भोजन का घर)
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